Monday, August 22, 2016


Nature Camp Khondara, Bilaspur Chhattisarh




























वन विभाग पहली बार लोगों को सीधे वन ग्रामों के परिवेश से जोड़ने जा रहा है।इसके लिए बोइर पड़ाव, खोंदरा के जंगल का चयन किया गया है। यहां बोइर पड़ाव गांव के नजदीक एक कैंप तैयार किया गया  है, जहां कैंपिग करने के इच्छुक लोग आकर रह सकते है । जिसमें उन्हें ग्रामीण परिवेश से सीधे जुड़ने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा इन्हें गर्मी में वन ग्रामों में मिलने वाले फल और भोजन भी दिए जाएंगे।

वन विभाग का अमला इन्हें गांव के बारे में जानकारी देने के अलावा वन भ्रमण भी कराएगा। उन्हें आसपास मौजूद पेड़, पौधों की विशेषता के बारे में जानकारी दी जाएगी। वन विभाग इस कैंपिग की तैयारी में लग गया है। पर्यटकों के लिए कैंप तैयार हो चुका है। जहाँ भोजन व्यवस्था के लिए किचन का निर्माण किया जा
रहा है।

    बिलासपुर वनमंडल ने खोंदरा के बोइरपड़ाव में नेचर कैंप का निर्माण किया है। इस स्थल को चयनित करने के पीछे यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता है । इसके ठीक पीछे कहुआ डबरा करिया पानी नाला है। दोनों किनारों पर पत्थर है। बारिश के समय में जलप्रपात का दृश्य देखते ही बनता है। इसके अलावा यहां से गरगज पहाड़ का शिखर देबल के आकार का दिखाई देता है। प्राकृतिक झरना व कुंड के साथ- साथ माझी कुडरी डुग्गु दर्शनीय स्थल भी इससे लगा हुआ है। इन्हीं विशेषताओं के कारण इस जगह को चयन किया गया।

कैंप के अंदर 6 टेंट बनाए गए हैं। इसके अंदर बेड और टॉयलेट की सुविधा है। पर्यटकों में इसे देखने और यहां ठहरने की गजब उत्साह भी नजर आया है |

 पर्यावरण प्रशिक्षण केंद्र का मुख्य उद्देश्य छात्रों को पर्यावरण व वनों के महत्व से अवगत करना और प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति रुचि जागृत करना और स्थानीय वनवासियों को ईको- पर्यटन आधारित सतत रोजगार के अवसर उपलब्ध करना है । कक्षा ९ से १२ तक के छात्रो के  लिए यह कैंप  है जिसे कोई भी स्कूल वन विभाग बिलासपुर द्वारा बुक करा सकता है | जिसमे बिलासपुर वन मंडल अधिकारी की अनुमति अनिवार्य है |

शुल्क - टेन्ट किराया - १२०० रूपये 1 दिन रात
भोजन व्यवस्था - २००रूपये केवल एक समय डिनर या लंच
केवल प्रवेश - ५० रूपये साथ में चाय व नास्ता
गरगज पहाड़ दूरी - ८ किलोमीटर

बिलासपुर से पहुच मार्ग - दूरी - ५५ किलोमीटर - रतनपुर मार्ग से पाली के रास्ते बेलतरा से सीधे हाथ के मोड़ से १२ किलोमीटर अन्दर
खोंदारा गाव है जहा से २ किलोमीटर का कच्चा रास्ता है जो की घने जंगलो से आच्छादित है | प्रकिती की गोद में बसा खोंदारा का अनुभव जरुर कीजिये |